सीमा पार निवेश का भारत में प्रचलन और आवश्यकता
भारत में निवेश करने की परंपरा बहुत पुरानी है, लेकिन अब भारतीय निवेशकों का ध्यान सिर्फ घरेलू बाजार तक सीमित नहीं रह गया है। ग्लोबलाइज़ेशन और डिजिटल टेक्नोलॉजी के दौर में भारतीय निवेशकों के लिए अंतरराष्ट्रीय निवेश के विकल्प तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
भारतीय निवेशकों के लिए वैश्विक निवेश के बढ़ते ट्रेंड
आजकल भारतीय निवेशक न केवल शेयर बाजार या सोने-चांदी जैसे पारंपरिक साधनों में निवेश कर रहे हैं, बल्कि वे विदेशी शेयर बाजार, अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड्स, रियल एस्टेट, क्रिप्टोकरेंसी जैसी नई एसेट क्लासेज़ की ओर भी आकर्षित हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण है – जोखिम को कम करना और बेहतर रिटर्न पाना।
सीमा पार निवेश के प्रमुख कारण
कारण | विवरण |
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जोखिम विविधीकरण | अलग-अलग देशों में निवेश करने से एक देश की आर्थिक स्थिति का असर पूरे पोर्टफोलियो पर नहीं पड़ता। |
रिटर्न की संभावना बढ़ाना | कुछ विदेशी बाजारों में तेज़ विकास और इनोवेटिव कंपनियाँ होती हैं, जिससे बेहतर रिटर्न मिल सकते हैं। |
मुद्रा विविधीकरण | विदेशी मुद्रा में निवेश करने से रुपये की गिरावट से बचाव होता है। |
नई एसेट क्लास एक्सेस करना | जैसे कि अमेरिकी टेक स्टॉक्स, यूरोपियन ग्रीन एनर्जी कंपनियाँ, आदि। |
भिन्न-भिन्न एसेट क्लास में विविधीकरण की ज़रूरत
हर एसेट क्लास का अपना रिस्क और रिटर्न प्रोफाइल होता है। अगर आप अपने पैसे को अलग-अलग देशों और एसेट क्लासेज़ (जैसे इक्विटी, बॉन्ड, रियल एस्टेट, कमोडिटी) में लगाते हैं तो नुकसान की संभावना कम हो जाती है। नीचे दिए गए टेबल से आप देख सकते हैं कि किन-किन प्रमुख ग्लोबल एसेट क्लास में भारतीय निवेशक डाइवर्सिफाई कर सकते हैं:
एसेट क्लास | उदाहरण (देश/मार्केट) | मुख्य लाभ |
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इंटरनेशनल इक्विटी | US Tech Stocks (Apple, Google), Chinese Stocks, European Pharma Companies | हाई ग्रोथ पोटेंशियल और इनोवेशन एक्सपोजर |
ग्लोबल बॉन्ड्स | US Treasury Bonds, Euro Bonds, Asian Sovereign Bonds | लो रिस्क और करेंसी डाइवर्सिफिकेशन |
इंटरनेशनल रियल एस्टेट | UK Property Funds, US REITs, Dubai Real Estate Trusts | स्थिर आय और कैपिटल अप्रिसिएशन का मौका |
कमोडिटी एवं गोल्ड ETFs | Global Gold ETFs, Oil & Energy Funds | इंफ्लेशन हेज और सुरक्षित निवेश विकल्प |
क्रिप्टोकरेंसी व डिजिटल एसेट्स | Bitcoin, Ethereum, International Crypto Exchanges | नवीनतम तकनीकी विकास का लाभ और वैकल्पिक संपत्ति वर्ग |
संक्षिप्त टिप्स: कैसे करें शुरुआत?
- Liberalised Remittance Scheme (LRS): भारतीय नागरिक हर वित्त वर्ष 2.5 लाख डॉलर तक विदेश भेज सकते हैं। इसी स्कीम के तहत ग्लोबल इन्वेस्टमेंट संभव है।
- PAN कार्ड और KYC अनिवार्य: विदेशी प्लेटफॉर्म्स पर खाता खोलने के लिए ये जरूरी डॉक्यूमेंट्स चाहिए होंगे।
- Sebi Registered Platforms: हमेशा मान्यता प्राप्त प्लेटफॉर्म/ब्रोकर चुनें ताकि सुरक्षा बनी रहे।
इस तरह से सीमा पार निवेश आज के भारतीय निवेशकों के लिए न सिर्फ ट्रेंड बन रहा है बल्कि पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन का स्मार्ट जरिया भी बनता जा रहा है। अगले हिस्से में हम जानेंगे कि कौन-कौन से टूल्स और प्लेटफॉर्म इस सफर को आसान बना सकते हैं।
2. अंतरराष्ट्रीय निवेश के प्रमुख विकल्प
सीमा पार निवेश भारतीय निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने और वैश्विक बाजारों से लाभ प्राप्त करने का अवसर देता है। नीचे हमने भारतीय निवेशकों के लिए उपलब्ध प्रमुख अंतरराष्ट्रीय निवेश विकल्पों की जानकारी दी है:
यूएस स्टॉक्स (US Stocks)
भारतीय निवेशक सीधे अमेरिकी शेयर बाजार में कंपनियों जैसे Apple, Google, Microsoft, और Amazon में निवेश कर सकते हैं। यह आपको ग्लोबल कंपनियों की ग्रोथ में भाग लेने का मौका देता है। आजकल कई भारतीय फिनटेक प्लेटफार्म्स आसानी से यूएस स्टॉक्स में निवेश की सुविधा प्रदान करते हैं।
यूएस स्टॉक्स में निवेश के फायदे:
- डॉलर में रिटर्न
- वैश्विक ब्रांड्स में हिस्सेदारी
- भारतीय बाजार की तुलना में ज्यादा विविधता
म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds)
अगर आप डायरेक्ट विदेशी शेयरों में निवेश नहीं करना चाहते, तो इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड्स आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं। ये फंड्स आपके पैसे को विदेशी शेयर बाजार या बॉन्ड्स में लगाते हैं और पेशेवर रूप से मैनेज होते हैं।
फंड का प्रकार | मुख्य विशेषता |
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इंटरनेशनल इक्विटी फंड | विदेशी कंपनियों के शेयरों में निवेश |
ग्लोबल मिक्स्ड फंड | शेयर + बॉन्ड दोनों में निवेश |
ईटीएफ (ETF – Exchange Traded Funds)
ईटीएफ एक तरह का इंडेक्स फंड होता है जिसे आप स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर की तरह खरीद-बेच सकते हैं। इंटरनेशनल ईटीएफ के जरिए आप अलग-अलग देशों के इंडेक्स या सेक्टर में आसानी से निवेश कर सकते हैं। यह कम खर्चीला और ट्रांसपेरेंट तरीका है विदेशी मार्केट में कदम रखने का।
रियल एस्टेट (Real Estate)
विदेशों में प्रॉपर्टी खरीदना अब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए आसान हो गया है। कुछ प्लेटफार्म्स भारतीयों को अमेरिका, यूरोप या दुबई जैसी जगहों पर प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट का मौका देते हैं। हालांकि इसमें कानूनी प्रक्रिया और टैक्स नियमों का ध्यान रखना जरूरी है।
रियल एस्टेट में संभावित स्थान:
- दुबई – टैक्स बेनिफिट्स व हाई रेंटल यील्ड्स
- यूके/यूरोप – लॉन्ग टर्म वैल्यू ग्रोथ
- यूएसए – स्टेबल मार्केट व डायवर्सिफिकेशन
गोल्ड (Gold)
भारतीय संस्कृति में सोना हमेशा से पसंदीदा निवेश रहा है। अब आप गोल्ड ETF या इंटरनेशनल गोल्ड फंड्स के जरिए भी विदेशों में सोने में निवेश कर सकते हैं। इससे आपको सोना खरीदने-रखने की झंझट नहीं होती, साथ ही ग्लोबल प्राइस मूवमेंट का फायदा मिलता है।
गोल्ड इन्वेस्टमेंट टाइप | मुख्य लाभ |
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गोल्ड ETF | कम लागत, आसान ट्रेडिंग, कोई फिजिकल रिस्क नहीं |
इंटरनेशनल गोल्ड फंड्स | ग्लोबल मार्केट एक्सपोजर, प्रोफेशनल मैनेजमेंट |
इन सभी विकल्पों के साथ, भारत के निवेशकों के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने पोर्टफोलियो को मजबूत बनाने का सुनहरा मौका है। सही विकल्प चुनते समय अपनी वित्तीय जरूरतें, जोखिम क्षमता और लॉन्ग टर्म गोल जरूर ध्यान रखें।
3. निवेश प्रक्रिया और नियम-कायदे (भारतीय परिप्रेक्ष्य में)
सीमा पार निवेश (Cross-Border Investment) करते समय भारतीय निवेशकों को कुछ महत्वपूर्ण नियमों, प्रक्रियाओं और सरकारी गाइडलाइन्स का पालन करना जरूरी है। सही जानकारी न होने पर निवेश में कानूनी या टैक्स संबंधी परेशानियां आ सकती हैं। यहां हम Liberalized Remittance Scheme (LRS), टैक्सेशन, और आवश्यक डाक्यूमेंट्स के बारे में सरल भाषा में प्रैक्टिकल गाइड दे रहे हैं।
Liberalized Remittance Scheme (LRS) क्या है?
LRS भारतीय नागरिकों को एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 2,50,000 अमेरिकी डॉलर तक विदेश भेजने की अनुमति देता है। इस लिमिट के अंदर आप स्टॉक्स, म्यूचुअल फंड्स, रियल एस्टेट या अन्य अंतरराष्ट्रीय विकल्पों में निवेश कर सकते हैं।
LRS की मुख्य बातें:
विशेषता | विवरण |
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वार्षिक लिमिट | USD 2,50,000 प्रति व्यक्ति |
उपयोग के उद्देश्य | निवेश, शिक्षा, यात्रा, उपहार आदि |
आरंभ करने की प्रक्रिया | अपने बैंक से LRS फॉर्म भरना व दस्तावेज़ जमा करना |
TCS (Tax Collected at Source) | 20% (कुछ मामलों में कम) |
टैक्सेशन संबंधी बातें
अंतरराष्ट्रीय निवेश से होने वाली आमदनी पर भारत में टैक्स लगता है। अगर आपने विदेशी शेयर या म्यूचुअल फंड से लाभ कमाया है तो उसे ITR में दिखाना जरूरी है। डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) के तहत कुछ राहत भी मिल सकती है। याद रखें:
- विदेशी संपत्ति घोषित करना अनिवार्य है (Schedule FA in ITR)
- Short Term Capital Gain (STCG) और Long Term Capital Gain (LTCG) के नियम लागू होंगे
- अगर विदेशी देश ने भी टैक्स काटा है तो DTAA के तहत छूट मिल सकती है
आवश्यक डाक्यूमेंटेशन और प्रक्रिया
LRS या किसी भी सीमा पार निवेश के लिए ये डॉक्युमेंट्स जरूरी होते हैं:
डॉक्युमेंट्स का नाम | महत्वपूर्ण बिंदु |
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PAN कार्ड | सबसे जरूरी पहचान डॉक्युमेंट |
Aadhaar कार्ड/Passport | ID व एड्रेस प्रूफ के लिए |
LRS Declaration Form | बैंक में सबमिट करना होता है |
BANK KYC Documents | KYC अपडेट रहना चाहिए |
Investment Proof/Invoice | निवेश के लिए आवश्यक |
प्रक्रिया कैसे शुरू करें?
- बैंक से संपर्क करें: अपने सेविंग अकाउंट वाले बैंक की ब्रांच जाएं या ऑनलाइन पोर्टल देखें।
- LRS फॉर्म भरें: अपने निवेश उद्देश्य का उल्लेख करें—जैसे स्टॉक्स, म्यूचुअल फंड्स आदि।
- KYC पूरा करें: PAN, Aadhaar आदि डॉक्युमेंट्स दें।
- TCS भुगतान करें: बैंक आपके रेमिटेंस पर TCS काटेगा जो बाद में ITR फाइलिंग में क्लेम किया जा सकता है।
- निवेश प्लेटफार्म चुनें: जैसे Interactive Brokers, Vested Finance या INDmoney आदि जो LRS कंप्लायंट हों।
ध्यान देने योग्य बातें:
- LRS लिमिट हर साल बदल सकती है—RBI की वेबसाइट रेगुलर चेक करें।
- LRS सिर्फ भारतीय नागरिकों पर लागू होती है—NRIs पर नहीं।
- हर लेन-देन पर बैंक चार्ज और फॉरेन एक्सचेंज मार्कअप लग सकता है।
इन नियमों और प्रक्रियाओं को समझकर ही अंतरराष्ट्रीय निवेश की दिशा में सुरक्षित कदम बढ़ाएं और अपने पोर्टफोलियो को ग्लोबल बनाएं।
4. जोखिम, लाभ और विवेकपूर्ण रणनीतियाँ
मुद्रा जोखिम (Currency Risk) क्या है?
सीमा पार निवेश करते समय भारतीय निवेशकों को सबसे पहले मुद्रा जोखिम (Currency Risk) का ध्यान रखना चाहिए। जब आप अंतरराष्ट्रीय बाजार में निवेश करते हैं, तो आपकी पूंजी और रिटर्न विदेशी मुद्रा में होती है। उदाहरण के लिए, अगर आपने अमेरिकी शेयरों में निवेश किया और डॉलर की तुलना में रुपया कमजोर हो गया, तो आपको लाभ हो सकता है। लेकिन यदि रुपया मजबूत हो गया, तो आपके लाभ पर असर पड़ सकता है।
मुद्रा जोखिम को समझने के लिए तालिका:
स्थिति | रुपये का मूल्य | आपका लाभ/हानि |
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डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर | ₹80/$ | लाभ बढ़ेगा |
डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत | ₹70/$ | लाभ घटेगा/हानि हो सकती है |
वैश्विक बाजार की अस्थिरता (Volatility) और कैसे करें उससे निपटना?
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश करने पर वहां की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक घटनाओं का सीधा असर आपकी निवेश राशि पर पड़ सकता है। कभी-कभी अचानक आयी अस्थिरता आपके पोर्टफोलियो को नुकसान पहुँचा सकती है। इसे कम करने के लिए विविधीकरण (Diversification) बेहद जरूरी है। अलग-अलग देशों और सेक्टर्स में निवेश करके आप रिस्क को बैलेंस कर सकते हैं।
सुरक्षा के उपाय (Safety Measures)
- सही रिसर्च करें: निवेश से पहले उस देश और कंपनी के बारे में पूरी जानकारी जुटाएँ।
- लोकल एक्सपर्ट्स से सलाह लें: जिन देशों में आप निवेश करना चाहते हैं, वहां के फाइनेंशियल एडवाइजर्स या स्थानीय बैंकों से मार्गदर्शन लें।
- इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड्स चुनें: सीधे स्टॉक्स खरीदने की बजाय इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड्स के जरिए विविधीकरण करना आसान रहता है।
फाइनेंशियल विवेक: भारतीय निवेशकों के लिए सुझाव
- अपने कुल पोर्टफोलियो का 10-20% ही अंतरराष्ट्रीय संपत्तियों में लगाएं, ताकि घरेलू बाजार की पकड़ बनी रहे।
- मुद्रा जोखिम को समझकर ही लंबी अवधि का प्लान बनाएं।
- हर साल अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करें और जरूरत पड़ने पर रीबैलेंस करें।
महत्वपूर्ण बात:
सीमा पार निवेश में हमेशा रिस्क रहेगा, लेकिन विवेकपूर्ण योजना और सही टूल्स के इस्तेमाल से आप अपने वित्तीय लक्ष्यों तक सुरक्षित पहुँच सकते हैं। विविधीकरण, रिसर्च, नियमित समीक्षा और सही मार्गदर्शन से ही सफलता संभव है।
5. भारत में लोकप्रिय टूल्स और प्लेटफार्म्स
सीमा पार निवेश करते समय, भारतीय निवेशकों के लिए सही डिजिटल प्लेटफार्म्स और टूल्स का चयन करना बहुत जरूरी है। आज के डिजिटल युग में कई ऐप्स और ऑनलाइन ब्रोकरेज प्लेटफार्म्स उपलब्ध हैं, जो अंतरराष्ट्रीय शेयरों, म्यूचुअल फंड्स, ETFs और अन्य ग्लोबल एसेट्स में निवेश को आसान बनाते हैं। नीचे कुछ प्रमुख प्लेटफार्म्स और टूल्स की सूची दी गई है जो भारतीय बाजार में लोकप्रिय हैं:
प्रमुख डिजिटल प्लेटफार्म्स और ऐप्स
प्लेटफार्म/ऐप | मुख्य विशेषताएँ | अंतरराष्ट्रीय निवेश विकल्प |
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Zerodha Kite | साधारण UI, कम ब्रोकरेज फीस, रिसर्च टूल्स | US स्टॉक्स, ETFs (Stoxbox या Vested के साथ) |
Groww | ऑल-इन-वन निवेश ऐप, यूजर फ्रेंडली इंटरफेस | US स्टॉक्स, म्यूचुअल फंड्स, गोल्ड |
INDmoney | ग्लोबल पोर्टफोलियो ट्रैकिंग, ऑटोमैटेड इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी | US स्टॉक्स, रियल एस्टेट, बॉन्ड्स |
Upstox | लो-कॉस्ट ट्रेडिंग, तेज़ प्रोसेसिंग | US स्टॉक्स (टाई-अप के ज़रिए) |
Vested Finance | विशेष रूप से US शेयर बाजार के लिए, fractional investing की सुविधा | US स्टॉक्स, ETFs |
Saxo Bank India | इंटरनेशनल मार्केट एक्सेस, एडवांस्ड रिसर्च टूल्स | 30+ देशों के शेयर, बॉन्ड्स, ETFs आदि |
Motrade App | भारत से बाहर के निवेश हेतु विशेष सुविधाएँ | US स्टॉक्स एवं अन्य ग्लोबल एसेट क्लासेस |
Edelweiss Global Investment Platform | मल्टी-असेट इंवेस्टमेंट ऑप्शन्स, रेगुलेटेड सर्विसेज़ | Global Equities, Mutual Funds & Bonds |
निवेशकों हेतु उपयोगी टेक्नोलॉजी टूल्स
- Portfolio Tracker Apps: INDmoney, Cube Wealth जैसी ऐप्स आपके सारे वैश्विक निवेशों को एक जगह ट्रैक करने की सुविधा देती हैं।
- Currency Converter Tools: XE Currency, OANDA जैसे टूल्स विदेशी मुद्रा दरें जानने में मदद करते हैं ताकि आप अपने निवेश का मूल्य सही समझ सकें।
- TAX Calculators: ClearTax, Quicko जैसे ऑनलाइन कैलकुलेटर विदेशी आय पर टैक्स क्लेरिफिकेशन और प्लानिंग के लिए जरूरी हैं।
संक्षिप्त टिप्स:
- KYC अपडेट रखें: हर ग्लोबल प्लेटफार्म पर निवेश शुरू करने से पहले आपका KYC और LRS (Liberalised Remittance Scheme) डॉक्यूमेंटेशन पूरा होना चाहिए।
- नियमित अपडेट चेक करें: हमेशा अपने चुने हुए प्लेटफार्म की लेटेस्ट फीचर्स और चार्जेज़ की जानकारी लेते रहें।
निष्कर्ष: सही टूल्स से बनाएं निवेश आसान!
इन डिजिटल प्लेटफार्म्स व टूल्स का इस्तेमाल करके भारतीय निवेशक आसानी से सीमा पार विविधीकरण कर सकते हैं और अपने पोर्टफोलियो को वैश्विक स्तर पर मजबूत बना सकते हैं। सही रिसर्च व भरोसेमंद टूल्स से अंतरराष्ट्रीय निवेश अब पहले से कहीं अधिक सरल हो गया है।
6. अंतर्राष्ट्रीय विविधीकरण पर भारतीय निवेशकों के अनुभव
भारतीय निवेशकों के केस स्टडीज
सीमा पार निवेश करते समय भारतीय निवेशकों को कई तरह के अनुभव होते हैं। यहां हम कुछ प्रमुख केस स्टडीज साझा कर रहे हैं, जिनसे आपको अंतरराष्ट्रीय विविधीकरण की बेहतर समझ मिलेगी:
निवेशक | निवेश का देश | विविधिकरण की विधि | मुख्य चुनौती | सफलता/सीख |
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सुनील (मुंबई) | अमेरिका | ETF व म्युचुअल फंड्स | कर प्रणाली और विनियम जटिलताएं | कम जोखिम में डॉलर में संपत्ति जमा करना सीखा |
रीना (बेंगलुरु) | सिंगापुर | रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs) | स्थानीय बाजार की जानकारी की कमी | रिटर्न्स स्थिर लेकिन धीमे, लंबी अवधि का धैर्य जरूरी |
राजेश (दिल्ली) | ऑस्ट्रेलिया | शेयर बाज़ार में डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट | विदेशी मुद्रा दरों में उतार-चढ़ाव | जोखिम प्रबंधन की रणनीति विकसित की |
प्रमुख चुनौतियाँ जो निवेशकों ने झेली
- भाषा और सांस्कृतिक अंतर: कई बार स्थानीय नियम और सांस्कृतिक समझ न होने से गलत निर्णय हो सकते हैं।
- कराधान और विनियम: हर देश की टैक्स व्यवस्था अलग होती है, जिससे निवेशक भ्रमित हो सकते हैं।
- विदेशी मुद्रा जोखिम: रुपया कमजोर या मजबूत होने से रिटर्न अप्रत्याशित हो सकते हैं।
- विश्वसनीय सलाहकारों की कमी: सही मार्गदर्शन न मिलने से गलत उत्पादों में निवेश हो सकता है।
सफलता की कहानियाँ और सीखें
- नॉलेज शेयरिंग ग्रुप्स: बहुत सारे निवेशकों ने बताया कि ऑनलाइन कम्युनिटी या लोकल इन्वेस्टमेंट क्लब्स से जुड़ना काफी फायदेमंद रहा। वहां अनुभवी लोग अपने एक्सपीरियंस शेयर करते हैं।
- फिनटेक टूल्स का इस्तेमाल: कई लोगों ने पोर्टफोलियो मैनेजमेंट ऐप्स, इंटरनेशनल ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म्स और ऑटोमैटेड टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग करके अपना काम आसान किया।
- धीरे-धीरे शुरुआत करना: सफल निवेशकों ने पहले छोटे अमाउंट से शुरुआत की, फिर जैसे-जैसे समझ बढ़ी, निवेश बढ़ाया।
- लोकल मार्केट रिसर्च: हमेशा जिस देश में निवेश कर रहे हैं, वहां की अर्थव्यवस्था, उद्योग और कंपनियों के बारे में रिसर्च जरूरी है।
भारतीय संस्कृति के अनुसार सुझाव:
- “धैर्य” रखें: भारतीय परंपरा में धैर्य का बहुत महत्व है—सीमा पार निवेश में भी शांति और समय देना जरूरी है।
- “परिवार से चर्चा करें”: बड़े फैसले लेने से पहले परिवार या भरोसेमंद सलाहकार से सलाह जरूर लें।
- “विविधता में शक्ति”: सिर्फ एक देश या एक एसेट क्लास तक सीमित न रहें; विविधीकरण ही सुरक्षा है।
इन अनुभवों और केस स्टडीज से स्पष्ट है कि अंतरराष्ट्रीय विविधीकरण के रास्ते में चुनौतियाँ तो हैं, मगर सही जानकारी, तकनीकी टूल्स और भारतीय मूल्यों को ध्यान में रखते हुए आप अपने पोर्टफोलियो को वैश्विक बना सकते हैं।